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भारत में वैक्सीन के एडवांस ट्रायल को मंजूरी मिली : वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से लॉन्च होगीI
वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में शुरू, भारत में इसका पहला ट्रायल मुम्बई और पुणे में अगस्त के अंत तक शुरू होगा।
- ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल भारत में भी शुरू होगा।
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को इसके एडवांस ट्रायल की मंजूरी दे दी है।
- सीरम इंस्टीट्यूट अगस्त केे अंतिम तक देश में दूसरे और तीसरे चरण का वैक्सीन ट्रायल शुरू कर सकेगा।
- वैक्सीन की सप्लाई भारत समेत 60 दूसरे देशों में होगी।
- कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली कुल वैक्सीन में से 50 फीसदी भारत के लिए होंगी।
- इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट का ट्रायल देश में 18 जगहों पर होगा। इसमें 1600 वॉलंटियर्स शामिल होंगे।
- नेशनल बायोफार्मा मिशन एंड ग्रैंड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम के तहत सरकार और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक करार हुआ है।
- इस प्रोग्राम के तहत ही वैक्सीन का बड़े स्तर पर ट्रायल होगा।
इसके लिए कई इंस्टीट्यूट सिलेक्ट किए जा चुुकेे हैं।
- हरियाणा के पलवल का INCLEN,
- पुणे का KEM हॉस्पिटल,
- हैदराबाद का सोसायटी फॉर हेल्थ एलायड रिसर्च एंड एजुकेशन,
- चेन्नई का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और
- वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
- एम्स दिल्ली-जोधपुर
- पुणे का बीजे मेडिकल कॉलेज
- पटना का राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज
- मैसूर का जेएसएस एकेडमी और हायर एजुकेशन एंड रिसर्च
- गोरखपुर का नेहरू हॉस्पिटल
- विशाखापट्टनम का आंध्र मेडिकल कॉलेज और
- चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च भी इस सूची में शामिल हैं।
वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई
- मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है।
- इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंट रनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है।
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी कहा है कि AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है।
- वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई।
- कंपनी का कहना है कि अगर ट्रायल कामयाब होता है तो 2021 की पहली तिमाही तक 30 से 40 करोड़ डोज तैयार किए जा सकेंगे।
- वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है।
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