8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय काॅन्ग्रेस की बैठक बंबई (मुंबई) के ग्वालिया टैंक मैदान में हुई और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिली।
आंदोलन के विषय में मुख्य बिंदु :
- 14 जुलाई, 1942 को वर्धा में काॅन्ग्रेस की कार्यकारिणी समिति ने ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव पारित किया एवं इसकी सार्वजनिक घोषणा से पहले 1 अगस्त को इलाहाबाद (प्रयागराज) में तिलक दिवस मनाया गया।
- ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के प्रस्ताव में यह घोषणा की गई था कि भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति भारत में स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र की स्थापना के लिये अत्यंत आवश्यक हो गई है।
- भारत छोड़ो आंदोलन को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है।
- इस आंदोलन का लक्ष्य भारत से ब्रिटिश साम्राज्य को समाप्त करना था।
- यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 'काकोरी कांड' के ठीक सत्रह साल बाद 9 अगस्त, 1942 को गांधीजी के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ आरंभ हुआ।
गतिविधियाँ :
आंदोलन की क्या पृष्ठभूमि थीं :
'भारत छोड़ो आंदोलन' का महत्त्व
- भारत छोड़ो आंदोलन सही मायने में एक जनांदोलन था जिसमें लाखों आम हिंदुस्तानी शामिल थे।
- इस आंदोलन ने युवाओं को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपने कॉलेज छोड़कर जेल का रास्ता अपनाया।
- यह आंदोलन स्वतंत्रता के अंतिम चरण को दर्शाता है।
- इसने शहर से लेकर गाँव तक ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी।
- इससे भारतीय जनता के अंदर आत्मविश्वास बढ़ा और समानांतर सरकारों के गठन से जनता काफी उत्साहित हुई।
- इसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और जनता ने नेतृत्व अपने हाथ में लिया। इस आंदोलन के दौरान पहली बार राजाओं को जनता की संप्रभुता स्वीकार करने को कहा गया।
- जून 1944 में जब विश्व युद्ध समाप्ति की ओर था तो गाँधी जी को रिहा कर दिया गया।
- भारत छोड़ो आंदोलन में कम्युनिस्ट पार्टी व मुस्लिम लीग ने भागीदारी नहीं की थी।
साथ ही ये भी जानें :
भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों को रोकने के लिए ब्रिटिश सरकार के कानून इस प्रकार हैं-
- राजद्रोह की रोकथाम के लिए बैठक अधिनियम (1907 ईस्वी)
- विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (1908 ईस्वी)
- भारतीय आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम (1908 ईस्वी)
- अख़बार अधिनियम (1908 ईस्वी)
- प्रेस एक्ट (1910 ईस्वी)
- भारतीय नियमों के बहु-फैंसी रक्षा (1915 ईस्वी)
- रौलेट अधिनियम (1919 ईस्वी)
ब्रिटिशकालीन आयोगों और समितियों की सूची-
चार्ल्स वुड डिस्पैच -1854 : लॉर्ड डलहौजी ; शिक्षा
हंटर आयोग - 1882 : लॉर्ड रिपन ; शिक्षा
रैली आयोग -1902 : लॉर्ड कर्जन ; शिक्षा
सैडलर कमीशन - 1917 : लॉर्ड चेम्सफोर्ड ; शिक्षा
हार्टोग आयोग - 1929 : लॉर्ड इरविन ; शिक्षा
सार्जेंट प्लान - 1944 : लॉर्ड वावेल ; शिक्षा
कैंपबेल आयोग - 1846 : सर जॉन लॉरेंस ;सूखा
स्त्रत्वी आयोग - 1880 : लॉर्ड लिटन ;सुखा
फलौड कमीशन -1940 :लॉर्ड लिनलिथगो; बंगाल में किराएदारी
चैटफील्ड आयोग - 1849 : लॉर्ड लिनलिथगो ; सेना
हिल्टन युवा आयोग - 1939 : लॉर्ड लिनलिथगो ; मुद्रा
सप्रू आयोग - 1935 : लॉर्ड लिनलिथगो ; बेरोजगारी
साइमन कमीशन -लॉर्ड इरविन ; शासन योजना की प्रगति की जांच और सुधार के लिए नए कदम सुलझाने के लिए
वि्हटली आयोग - 1929 :लॉर्ड इरविन ; श्रम
बटलर आयोग -1927 :लॉर्ड इरविन ; भारतीय राज्यों
मुद्दीन समिति -1924 : लॉर्ड रीडिंग ; मोंटेग चेम्सफोर्ड सुधारों की जांच
हंटर कमेटी रिपोर्ट - 1919 : लॉर्ड चेम्सफोर्ड ; पंजाब में हुए गवरी की जांच
बबिंगटन स्मिथ आयोग- 1919 : लॉर्ड चेम्सफोर्ड ;मुद्रा
फ्रेजर आयोग - 1902 : लॉर्ड कर्जन ; कृषि
फाउलर कमीशन - 1898 : लॉर्ड एलि्गन- II ;मुद्रा
लयाल आयोग - 1886 : लॉर्ड डी लॉर्ड एलि्गन- II; सूखा
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