भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ के लिये नामांकन आमंत्रित किये हैं
महत्वपूर्ण बिंदु:
- प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
- व्यक्ति या संस्थान जिसने भी आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है वे अपना नामांकन 31 अगस्त, 2020 तक www.dmawards.ndma.gov.in पर अपलोड कर सकते हैं।
- नामांकित व्यक्ति या संस्था को आपदा प्रबंधन के किसी भी क्षेत्र जैसे- रोकथाम, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान, नवाचार या प्रारंभिक चेतावनी में संलग्न होना चाहिये।
- भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में व्यक्तियों एवं संस्थानों द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिये ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ की शुरूआत की है।
- इस पुरस्कार के रूप में एक प्रमाण पत्र के साथ एक संस्थान के लिये 51 लाख रुपए एवं एक व्यक्ति के लिये 5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
- एक व्यक्ति पुरस्कार के लिये स्वयं आवेदन कर सकता है या अन्य व्यक्ति या संस्थान को नामित कर सकता है।
सुभाष चंद्र बोस के विषय में
- भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे।
- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज(Azad Hind Fauj ) का गठन किया था
- उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द(Jai Hind) का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा, बन गया है।
- "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" ("Give me blood, I will give you freedom")का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।
- 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी।
- जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये।
- 1944 को आजाद हिन्द फौज(Azad Hind Fauj) ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया
- आजाद हिंद सरकार के 75 साल पूर्ण होने पर इतिहास मे पहली बार साल 2018 मे नरेंद्र मोदी ने किसी प्रधानमंत्री के रूप में 15 अगस्त के अलावा लाल किले(Red Fort) पर तिरंगा फहराया।
- 11 देशो कि सरकार ने इस सरकार को मान्यता दी थी।
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