इसके अनुसार , 2023 में प्राइवेट ट्रेनों का पहला सेट आएगा। इसमें 12 ट्रेनें होंगी। रेलवे के मुताबिक, सभी 151 ट्रेनों को 2027 तक पेश कर दिया जाएगा।
योजना के विषय में जानें ?
- रेलवे ने अपने नेटवर्क पर प्राइवेट पैसेंजर ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।
- इसके तहत 151 मॉडर्न पैसेंजर ट्रेनें चलाने के लिए प्राइवेट सेक्टर से प्रस्ताव मांगे हैं। प्राइवेट ट्रेनें 109 जोड़ी रूट पर चलाई जाएंगी।
- इन ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों की ओर से शुरुआत में करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
नवंबर तक फाइनल हो जाएगा आरएफएक्यू
प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए भारतीय रेलवे ने 8 जुलाई को रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन (आरएफक्यू) के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके नवंबर तक फाइनल होने की उम्मीद है। रेलवे की ओर से तय की गई टाइमलाइन के मुताबिक, फाइनेंशियल बिड मार्च 2021 में खोली जाएगी और 31 अप्रैल 2021 तक सफल आवेदक चुन लिए जाएंगे।
ट्रेनें भारत में ही बनेंगी
रेलवे ने कहा है कि 70 फीसदी प्राइवेट ट्रेनें भारत में तैयार की जाएंगी। इन ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की मैक्सिमम स्पीड के हिसाब से बनाया जाएगा। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा में 10% से 15% कम समय लगेगा, जबकि 160 किलोमीटर की स्पीड से 30% समय बचेगा। इनकी स्पीड मौजूदा समय में रेलवे की ओर से चलाई जा रहीं सबसे तेज ट्रेनों से भी ज्यादा होगी। हर ट्रेन में 16 कोच होंगे।
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