बाघों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के प्रयास किए जाने का दिवस
2018 में बाघों की गणना में 14 हजार से ज्यादा कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल हुआ यह एक रिकॉर्ड है और इसी महीने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया
- वर्ष 2010 - देश में टाइगर की संख्या : 1706
- वर्ष 2014 - देश में टाइगर की संख्या : 2226
- वर्ष 2018 - देश में टाइगर की संख्या : 2967
- 262% बिहार में बाघ की संख्या में बढ़त हुई है देश में सबसे ज्यादा ग्रोथ
- 526 मध्यप्रदेश में बाघ की संख्या है जो देश में सबसे ज्यादा है
6 साल में 560 टाइगर की जान गई :
- नेचुरल डेथ 55%, अवैध शिकार 38% ,एक्सीडेंट 4%
- International Tiger Day रूस में 2010 में 13 टाइगर रेंज देशों द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर करने के दौरान अस्तित्व में आया था।
- बाघ और और उसके शरीर के कुछ हिस्सों जैसे हड्डी, त्वचा के अवैध व्यापार ने जंगली बाघों के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।
- केंद्रीय पर्यावरण केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर : देश में आज दुनिया की 70% बाघ आबादी है।
------------------------
अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2018 रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में बाघों की अधिकतम संख्या 526 है और इसके बाद कर्नाटक 524 पर है।
Global Tiger Day या International Tiger Day हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है ताकि बाघों की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और उनके संरक्षण के प्रयास किए जा सकें।
20 वीं शताब्दी की शुरुआत के बाद से, विश्व स्तर पर बाघों की संख्या में तेज गिरावट आई थी। हालांकि, उनकी संख्या में वृद्धि के साथ स्थिति में अब काफी सुधार हुआ है।
International Tiger Day का इतिहास:
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2010 में रूस में 13 बाघ श्रेणी के देशों द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर करने के दौरान अस्तित्व में आया।
इन बाघ रेंज के देशों की सरकारों ने संरक्षण को प्रोत्साहित करने, प्राकृतिक आवासों की रक्षा करने और 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का संकल्प लिया था।
ग्लोबल टाइगर डे का महत्व:
WWF विशेषज्ञ डेरेन ग्रोवर के अनुसार, पिछले 100 वर्षों में दुनिया में 97 प्रतिशत जंगली बाघों का नुकसान हुआ है। वर्तमान में, एक सदी पहले लगभग 100,000 बाघ की तुलना में केवल 3,000 बाघ जीवित हैं।
World Wildlife Fund (WWF), International Fund for Animal Welfare(IFAW) और Smithsonian Conservation Biology Institute (SCBI) सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी जंगली बाघों के संरक्षण में शामिल हैं।
भारत में सफलता की कहानी:
भारत की बाघों की आबादी वर्तमान में 2,967 है जो वैश्विक बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है। 2014 तक, भारत में बाघों की आबादी 1,600 के आसपास थी।
भारत में बाघों की आबादी में वृद्धि को 1973 में बाघ संरक्षण कार्यक्रम-Project Tiger के प्रयासों का परिणाम कहा जा सकता है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टाइगर जनगणना रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा, "भारत को अपनी बाघ संपत्ति पर गर्व है। देश में आज दुनिया की बाघों की आबादी का 70% हिस्सा है। हम सभी 13 टाइगर रेंज के देशों के साथ बाघों के वास्तविक प्रबंधन में काम करने के लिए तैयार हैं।"
टाइगर जनगणना की रिपोर्ट(Tiger Census Report) के अनुसार, उत्तराखंड में 'कॉर्बेट टाइगर रिजर्व' में देश के 231 बड़े बाघ हैं।
वर्तमान में, रिजर्व के भीतर बाघों की आबादी 1,923 (भारत की कुल बाघ आबादी का 65 प्रतिशत) है। बाघों के राज्य-वार वितरण से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में बाघों की अधिकतम संख्या 526 और कर्नाटक के बाद उत्तराखंड में 524 और 442 है।
* Reference Image and content with courtesy to sources
----------------
आप हमारे साथ, हमारे YouTube Channel और Facebook Page पर भी जुड़ सकते है, so that आप Regular Updated Video Tutorial पा सकें |
इस वेबसाइट को सब्सक्राइब ज़रूर करें, ताकि आपको हमारा डेली अपडेट मेल मिल सके |
धन्यवाद !
इस वेबसाइट को सब्सक्राइब ज़रूर करें, ताकि आपको हमारा डेली अपडेट मेल मिल सके |
धन्यवाद !
Comments
Post a Comment