भारत के Missile-Man को श्रद्धांजलि
"मेरे मृत्यु पर अवकाश की घोषणा ना करें | अगर आप मुझे प्रेम करते हैं तो उसके बदले एक अतिरिक्त दिन काम करें"
(Dr APJ Abdul Kalam)
(Dr APJ Abdul Kalam)
पूर्व राष्ट्रपति Dr. APJ Abdul Kalam को उनकी पुण्यतिथि पर आज श्रद्धांजलि दी गई |
डॉ. कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इससे पहले, अपने एयरोस्पेस वैज्ञानिक रूप में, डा. कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) - भारत के प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान निकायों के लिए काम किया था।
भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास में डा. कलाम की भूमिका उनके करियर की मुख्य विशेषताओं में से एक थी। एक वैज्ञानिक के दिनों के दौरान, उन्होंने पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
वह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित थे।
ए पी जे अब्दुल कलाम, (पूर्ण नाम) अवुल पाकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम, (जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, भारत ; देहांत : 27 जुलाई, 2015, शिलांग), भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई।
कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। वहां उन्होंने तीन महम शिक्षकों डॉ विक्रम साराभाई, प्रो। सतीश धवन और डॉ ब्रह्म प्रकाश की छत्र-छाया में काम सीखा |
वह जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में चले गए, जहाँ वे SLV-III के परियोजना निदेशक थे, जो भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण यान था। 1982 में DRDO से जुड़कर, कलाम ने कई सफल मिसाइलों का उत्पादन करने वाले कार्यक्रम की योजना बनाई, जिससे उन्हें "मिसाइल मैन" उपनाम मिला।
1992 से 1997 तक डॉ. कलाम रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार थे, और उन्होंने बाद में कैबिनेट मंत्री के पद के साथ सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (1999-2001) के रूप में कार्य किया।
देश के 1998 के परमाणु हथियार परीक्षणों में उनकी प्रमुख भूमिका ने कलाम को एक राष्ट्रीय नायक के रूप में स्थापित किया, हालांकि परीक्षणों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बहुत चिंता का विषय बना दिया।
1998 में कलाम ने टेक्नोलॉजी विजन 2020 नामक एक देशव्यापी योजना को सामने रखा, जिसे उन्होंने 20 वर्षों में भारत को कम विकसित से विकसित समाज के रूप में बदलने के लिए एक रोड मैप के रूप में वर्णित किया। योजना में अन्य उपायों के अलावा कृषि उत्पादकता में वृद्धि, आर्थिक विकास के लिए एक वाहन के रूप में प्रौद्योगिकी पर जोर देना, और स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच को व्यापक बनाना शामिल था ।
2002 में भारत के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने निवर्तमान राष्ट्रपति कोचरिल रमन नारायणन को सफल बनाने के लिए कलाम को सामने रखा। कलाम को हिंदू राष्ट्रवादी (हिंदुत्व) एनडीए द्वारा नामित किया गया था, भले ही वह मुस्लिम थे, और उनका कद और लोकप्रिय अपील ऐसी थी कि मुख्य विपक्षी दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, ने भी उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा था। कलाम ने आसानी से चुनाव जीता।
25 जुलाई 2002 को भारत के मुख्य न्यायधिपति से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत की 11 में राष्ट्रपति होने की शपथ ली।
यह समारोह पूरी तरह से एक पारंपरिक अंदाज से मनाया गया था और 21 तोपों की सलामी के साथ संसद भवन के केंद्रीय हॉल में बरी उत्साह से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस समारोह के लिए डॉक्टर कलाम के बड़े भाई और अन्य परिवार के सदस्य तकरीबन सौ छात्र जिसमें से एक 17 साल की स्नेहल ठक्कर जिसको कलाम ने अपनी पिछली किताब 'एग्नाइटेड माइंड्स' समर्पित की थी और एशियाड विलेज डी.डी.ए. स्पोर्ट्स मैदान के माली भी आमंत्रित थे, जहां रोज़ कलाम सैर के लिए जाते थे।
डॉ कलाम ने इस मौके पर देश को संबोधित किया उन्होंने धर्मनिरपेक्षता को भारत का अर्क बताया। उन्होंने लोगों की बुद्धि एवं दिलों की एकता को अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद एवं कुपोषण जैसी समस्याओं के बारे में यह कहा कि ये सभी चीजों का केवल तभी समाधान निकल पाएगा जब इस देश की एक अरब जनता इस लक्ष्य की ओर ध्यान लगाए और एकजुट हो जाएं।
वह भारत को एक विकसित देश में बदलने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध रहे। 2007 में कलाम ने पद छोड़ दिया और देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उनका स्थान लिया।
कलाम ने एक आत्मकथा, विंग्स ऑफ फायर (1999) सहित कई किताबें लिखीं। उनके कई पुरस्कारों में से दो देश के सर्वोच्च सम्मान, पद्म विभूषण (1990) और भारत रत्न (1997) थे।
अपने जीवन काल में उन्होंने कई उपाधि और पुरस्कार प्राप्त किया |
उनके पुरस्कारों की एक छोटी सी लिस्ट :
- 1981 वैज्ञानिक अनुसंधान में भारतीय गणतंत्र का तीसरा सर्वोत्तम पुरस्कार पद्म भूषण दिया गया।
- 1990 डी. आर. डी. ओ. और आइ. एस. आर. ओ. में उनके काम एवं सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के नाते उन्हें भारतीय गणतंत्र का दूसरा सर्वोत्तम पुरस्कार पद्म विभूषण दिया गया।
- 1997 वैज्ञानिक अनुसंधान और रक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण और विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय गणतंत्र का सर्वोत्तम पुरस्कार भारत रत्न दिया गया।
- 2000 चेन्नई में अलवर रिसर्च सेंटर ने रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया।
- 2007 ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ने उन्हें किंग चार्ल्स 2 मेडल से सम्मानित किया कारनेगी मैलान यूनिवर्सिटी से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
- 2008 सिंगापुर नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
- 2009 अमेरिका के ए.एस. एम. ई. फाउंडेशन से उन्हें हृवर मेडल मिला ऑकलैंड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
- 2010 संयुक्त राष्ट्र ने डॉक्टर कलाम के 79वें जन्मदिन को 'विश्व छात्र दिवस' की पहचान दी।
- 2011 आई. ई. ई. ई. की माननीय सदस्यता मिली।
- 2012 साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी ने उन्हें वकालत में डॉक्टर की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
- 2013 राष्ट्रीय अंतरिक्ष सोसायटी से वान ब्रान पुरस्कार मिला।
- 2014 एनिडबर्ग यूनिवर्सिटी से विज्ञान में डॉक्टर की उपाधि मिली।
डॉ कलाम को संगीत में भी अच्छी खासी रुचि थी. कई जगह पर उन्होंने इसको दर्शाया भी था |
एक महान वैज्ञानिक अभूतपूर्व अध्यापक और जनता के राष्ट्रपति डॉ कलाम की शिलांग में 27 जुलाई 2015 को मृत्यु हुई थी | उन्होंने कहा था कि वह हमेशा पढ़ाना चाहते हैं और अपनी आखिरी सांस लेने के कुछ ही समय पहले भी वह यही कर रहे थे | उन्हें सोमवार शाम को शिलांग के IIM में छात्रों को पढ़ाते समय दिल का दौरा पड़ा | डॉक्टर कलाम अक्टूबर में 84 की हो जाते परंतु दौरा पड़ने के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाने के 2 घंटे गंभीर स्थिति में रहने के पश्चात शाम 6:30 पर उनकी मृत्यु हो गई | उनके आखिरी पल उन्हीं के जीवन का सार था |
पहले उनके वैज्ञानिक और फिर भारत के 11 में राष्ट्रपति बनने के नाते व सतत विकास के विषय पर अपने भाषण की शुरुआत कर रहे थे | जिसके बाद राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के 135 छात्रों के साथ इस विशेष समस्या के ऊपर बातचीत भी होने वाली थी
मास्को की विश्व युद्ध 2 में मारे गए अज्ञात सैनिकों के समाधि पर और नए शादीशुदा जोडि़यों को इसके सामने अपनी तस्वीर खिंचवाते समय डॉक्टर ने यह कविता लिखी:
"जिंदगी एक अग्नि पक्षी की तरह राख से उभरता है,
यह चुनौतियों से निकलकर एक भविष्य को प्रस्तुत करता है,
यह राख की वेदी, एक फव्वारे की तरह नई जिंदगी को जन्म देता है,
युद्ध को थोपा गया, परंतु शहीदों का नाम हुआ, इन सैनिकों की याद से जीवन की खूबसूरती उभरती है,
अग्नि पक्षी जीवन की विधि का लक्षण है,
और यह रात हमें अपनी जिंदगी का जश्न सुनाने की याद दिलाता है।"
लक्ष्य जिसको वह ढूंढ रहे थे :
"मैं चढ़ते रहा लेकिन ईश्वर, कहां है वह चोटी
मैंने ढूंढा और खोदा लेकिन कहाँ है
वो ज्ञान के खजाने में तैरते रहा
पर ईश्वर कहां है वह शांति से भरा द्वीप
मेरे देश को अपना आशीर्वाद दो ईश्वर की वह अपनी सोच और कुशलता से ला सके खुशियां।"
डॉ कलाम को हमारी श्रद्धांजलि !!
* Reference Image and content with courtesy to sources
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