संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 17 जून को वोटिंग होगी. इस चुनाव में 10 गैर-अस्थायी सदस्यों में से पांच सदस्यों के चुनाव में भारत निर्विरोध खड़ा है.
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक 7 बार (1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012) सेवारत रहा है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पांच अस्थाई सीटों के लिए इसी महीने चुनाव होना है. एशिया-प्रशांत समूह में भारत इस बार अकेला उम्मीदवार है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् क्या है?
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के अनुसार शांति एवं सुरक्षा बहाल करने की प्राथमिक जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद् की होती है. इसकी बैठककभी भी बुलाई जा सकती है. इसके फैसले का अनुपालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है. इसमें 15 सदस्य देश शामिल होते हैं जिनमें से पाँच सदस्य देश – चीन, फ्रांस, सोवियत संघ, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका – स्थायी सदस्य हैं. शेष दस सदस्य देशों का चुनाव महासभा में स्थायी सदस्यों द्वारा किया जाता है. चयनित सदस्य देशों का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है.
कार्यप्रणाली से सम्बंधित प्रश्नों को छोड़कर प्रत्येक फैसले के लिए मतदान की आवश्यकता पड़ती है. अगर कोई भी स्थायी सदस्य अपना वोट देने से मना कर देता है तब इसे “वीटो” के नाम से जाना जाता है. परिषद् (Security Council) के समक्ष जब कभी किसी देश के अशांति और खतरे के मामले लाये जाते हैं तो अक्सर वह उस देश को पहले विविध पक्षों से शांतिपूर्ण हल ढूँढने हेतु प्रयास करने के लिए कहती है.
कार्य
विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना.
हथियारों की तस्करी को रोकना.
आक्रमणकर्ता राज्य के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही करना.
आक्रमण को रोकने या बंद करने के लिए राज्यों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना.
सुरक्षा परिषद् (Security Council) के वर्तमान समय में 15 सदस्य देश हैं जिसमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं. वर्ष 1963 में चार्टर संशोधन किया गया और अस्थायी सदस्यों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई. अस्थायी सदस्य विश्व के विभिन्न भागों से लिए जाते हैं जिसके अनुपात निम्नलिखित हैं –
5 सदस्य अफ्रीका, एशिया से
2 सदस्य लैटिन अमेरिका से
2 सदस्य पश्चिमी देशों से
1 सदस्य पूर्वी यूरोप से
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक 7 बार (1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012) सेवारत रहा है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पांच अस्थाई सीटों के लिए इसी महीने चुनाव होना है. एशिया-प्रशांत समूह में भारत इस बार अकेला उम्मीदवार है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् क्या है?
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के अनुसार शांति एवं सुरक्षा बहाल करने की प्राथमिक जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद् की होती है. इसकी बैठककभी भी बुलाई जा सकती है. इसके फैसले का अनुपालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है. इसमें 15 सदस्य देश शामिल होते हैं जिनमें से पाँच सदस्य देश – चीन, फ्रांस, सोवियत संघ, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका – स्थायी सदस्य हैं. शेष दस सदस्य देशों का चुनाव महासभा में स्थायी सदस्यों द्वारा किया जाता है. चयनित सदस्य देशों का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है.
कार्यप्रणाली से सम्बंधित प्रश्नों को छोड़कर प्रत्येक फैसले के लिए मतदान की आवश्यकता पड़ती है. अगर कोई भी स्थायी सदस्य अपना वोट देने से मना कर देता है तब इसे “वीटो” के नाम से जाना जाता है. परिषद् (Security Council) के समक्ष जब कभी किसी देश के अशांति और खतरे के मामले लाये जाते हैं तो अक्सर वह उस देश को पहले विविध पक्षों से शांतिपूर्ण हल ढूँढने हेतु प्रयास करने के लिए कहती है.
कार्य
विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना.
हथियारों की तस्करी को रोकना.
आक्रमणकर्ता राज्य के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही करना.
आक्रमण को रोकने या बंद करने के लिए राज्यों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना.
सुरक्षा परिषद् (Security Council) के वर्तमान समय में 15 सदस्य देश हैं जिसमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं. वर्ष 1963 में चार्टर संशोधन किया गया और अस्थायी सदस्यों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई. अस्थायी सदस्य विश्व के विभिन्न भागों से लिए जाते हैं जिसके अनुपात निम्नलिखित हैं –
5 सदस्य अफ्रीका, एशिया से
2 सदस्य लैटिन अमेरिका से
2 सदस्य पश्चिमी देशों से
1 सदस्य पूर्वी यूरोप से